Saturday, May 31, 2008

इश्क...

इश्क कहाँ कम है इबादत से दोस्तों,
इश्क तो जुड़ा है हर मज़हब से दोस्तों,
जिसने पैदा किया हीर - रांझे को,
जिसने रची है यह कायनात,
जिसने बनाया है मुझको, तुमको,
जिसने बनाया है इश्क को, नफ़रत को,
उसी अल्लाह की इबादत है इश्क दोस्तों...