Thursday, June 24, 2010

जीवन

समय बीतता जाता है,
लोग बदलते रहते है,
नहीं बदलता,
वो जीवन है.

खुशियाँ और गम
दो पहलु है
जीवन रुपी सिक्के के.

विचलित ना हो
समय के फेर से
ऐसा नहीं मानव
इस धरा पर.

फिर भी
जिसने ढाल लिया
अपने को
जीने की कला में,
उसका जीवन ही जीवन है.

नीलिमा

Thursday, March 18, 2010

ज़िन्दगी का सफ़र...

ज़िन्दगी एक लम्बा सफ़र है,
यहाँ हर मुसाफिर एक दुसरे से अलग है,
फिर भी कुछ तो ऐसा है
जो सबको इश्वर से जोड़ता है...

मिल जाते है अनजाने लोग,
जुड़ जाते है दिल के रिश्ते,
उम्र भर निभाने का वादा करके,
कुछ फिर अनजाने हो जाते है...

लेकिन कुछ मुसाफिर ऐसे भी होते है,
दिल को सहेजते है अपना समझकर,
प्यार भरे उस एक रिश्ते को,
जीवन की डोर से बांधकर,
निभाते है अपनी अंतिम सांस तक...

नीलिमा