यादें
ख़ुशी और गम में
कहाँ फ़र्क कर पाती है.
जब तुम्हे यादों में पाती हूँ
दुनिया भूल जाती हूँ.
संग तुम्हारे हजारों सपने
आँखों में सजा लेती हूँ
तुम्हारे संग बिताया
हर एक लम्हा
यादों में बसा है
जैसे साँसों में बसा
हो जीवन...
तुमसे मिलकर
जाना मैंने क्या होता है
दिलों का धडकना
समझा मैंने किसे
कहते है समर्पण.
आभारी हूँ तुम्हारी
जताया अपना प्यार
बनाया मुझे अपना
और पनपने दिया हमारी
यादों का संसार...
नीलिमा
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11 comments:
waah,bahut hi pyaari rachna....komal bhawnaaon se paripurn
bhavnao se hota hai sat sankalp...
samarpan hi prem ka sahi vikalp..
jab vo ek bar dil me bas jate hain..
har pal vahi samne nazar aate hai..
sachcha sathi ban ke hamne har waqt unka sath nibhaya!
tabhi to din aur rat unhone hame apne kareeb paya!
kal rahe na rahe hum
duva hai hamari
rahengi yaadein sang hamesha tumhari
khush rakhe ishwar sakar ho saree kalpana tumhari
hi..very nice poem..good luck for your next poem..yeh jaan k acha laga ki aaj bhe kuch itni ache kavita likhye hai,specially young generation...its really appreciable
"यादों का संसार", कोमल मानवी भावनाओ की खुबसूरत अभिव्यक्ति | एक अच्छी कविता |
Miiiiiiiiiiiiind blowing Neelu..Keep it up..main bhi zara puraani yaadon main kho gayee n thanks fr that..
Sweet Memories are like OASIS in the desert of Life n its worries.
your poem is like that OASIS......
beautiful post .smooth n soft feelings/.................gr8 to read this one .just have a look on my blog ..... thanx you are my frd neelima
आँखें जब बात करती है, तो सब सुनते है । बोलता कोई नही । वहां शब्दों की जरुरत नही । उन आंखों में गजब का आकर्षण होता है । कहानी ख़ुद ब ख़ुद बयां हो जाती है .....
beautiful post and feelings...
रचना बहुत अच्छी लगी। आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।आप मेरे ब्लाग पर आएं,आप को यकीनन अच्छा लगेगा।
संयोग से हम दोनों वकालत से जुडे़ हैं।
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