Monday, February 11, 2008

अस्तित्व उनका…

इस सर्द सुबह को और हसीन बनाती,
इन ऑस की बूँदों मे,
खोजती रही मैं,
हर हवा के झोंके मे,
उनके अस्तित्व को,
खोजती रही,
हर मोड़ पर,
मैं अपने उनको.

विश्वास की परिभाषा वो है,
प्यार की प्रतिमा जो है,
आईने मे देखा आज,
जब खुद को,
एहसास ये गहराया है,
खोज रही थी जग मे जिसको,
रोम-रोम मे मेरे,
बसा है अस्तित्व उनका…

1 comment:

डाॅ रामजी गिरि said...

"हर हवा के झोंके मे,
उनके अस्तित्व को,
खोजती रही,
हर मोड़ पर,"

खूबसूरत अभिव्यक्ति है दिल की भावनाओ का..