समय बीतता जाता है,
लोग बदलते रहते है,
नहीं बदलता,
वो जीवन है.
खुशियाँ और गम
दो पहलु है
जीवन रुपी सिक्के के.
विचलित ना हो
समय के फेर से
ऐसा नहीं मानव
इस धरा पर.
फिर भी
जिसने ढाल लिया
अपने को
जीने की कला में,
उसका जीवन ही जीवन है.
नीलिमा
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7 comments:
...sundar rachanaa !!!
जिसने ढाल लिया
अपने को
जीने की कला में,
उसका जीवन ही जीवन है
Sach hai, Sundar kavita.
bahut hi achchi rachna hai..
NICE PHILOSOPHY....
ONE OF MANY WAYS OF LIFE...
very true , ideal way to live life...change is the only constant phenomenon.... :) loved it
समय बीतता जाता है,
लोग बदलते रहते है,
नहीं बदलता,
वो जीवन है.
सुन्दर अभिब्यक्ति है
बधाई
मै डेल्ही से भोपाल आ गया हूँ
malviya.sourabh@gmail.com
सुन्दर अभिब्यक्ति
....आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं
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